असबाबे हिन्दुस्तान
प्रयागराज, निजी समाचार । एक माँ के इसाले सवाब को दरियाबाद दरगााह हज़रत अब्बास मे मजलिस ए बरसी मे लखनऊ से आए ख्याती प्राप्त मौलाना सैय्यद बिलाल काज़मी ने माँ की शफक़त और मोहब्बत पर अपने खिताब मे कहा माँ को वह दर्जा मिला है जिसके पैरों के नीचे जन्नत का तसव्वुर पैगम्बरे इसलाम हज़रत मोहम्मदे मुस्तफा की हदीस मे है वहीं हिन्दू धर्म मे भी माँ को देवी के रुप मे जाना व समझा जाता है।

जैसे लछमी माँ ,सरसवती माँ ,कुशमुण्डा माँ सहित अनेको देवियों को यह मुक़ाम हासिल है।मौलाना बिलाल काजमी ने माँ की शफक़त की अनेको मिसाल पेश की जब वह अपनी सारी तकलीफें और परेशानीयों को भूल कर बच्चों के लिए परेशान रहती है।स्व खुर्शीद फातेमा उर्फ शहरुख तबस्सुम के इसाले सवाब को मजलिस ए बरसी को खिताब करते हुए रसूल की बेटी ,हज़रत अली की ज़ौजा और हसन और हुसैन की माँ फातेमा ज़हरा की फज़ीलत का बयान करते हुए उन पर ढ़ाए गए मज़ालिम का ज़िक्र किया।शायर व नाज़िम अनीस जायसी की निज़ामत मे हुई मजलिस ए बरसी का आग़ाज़ शुजा मिर्ज़ा की सोज़ख्वानी से हुआ।डॉ क़मर आब्दी व इरफान लखनवी ने पेशख्वानी के ज़रीए खेराजे अक़ीदत पेश की।बाद मजलिस अन्जुमन मुहाफिज़े अज़ा दरियाबाद के नौहाख्वानो ने पुरदर्द नौहा पढ़ा।मरहुमा के आवास पर महिलाओं की मजलिस को मोहतरमा अतिया बाक़र साहिबा ने खिताब किया।बड़ी संख्या मे मोमनीन व मोमनात ने शिरकत करते हुए स्व खुर्शीद फातेमा की मग़फिरत की दुआ की वहीं फातेहाख्वानी मे भी शिरकत की।इस मौक़े पर मंज़र अब्बास ,यासिर अब्बास ,शाहिद अब्बास रिज़वी प्रधान ,नज़ीर अब्बास ,नय्यर अब्बास ,ज़ेयानत अब्बास ,विक्की रिज़वी ,इब्ने अब्बास सहित अनेकों लोगों ने शिरकत की।
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